कालेजों में पीटीए शिक्षक भर्ती पर रोक
प्रदेश के डिग्री कालेजों में अब पीटीए शिक्षक भर्ती पर रोक लग गई है। अब पीटीए के आधार पर कालेजों में प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं की जाएंगी। शिक्षा विभाग ने इस बाबत आदेश जारी कर दिए है। कालेज प्रधानाचार्यों को आदेश दिए गए है कि अगर वे पीटीए पर संस्थान में शिक्षकों को रखते है, तो ऐसे में वे उनके वेतन के लिए खुद जिम्मेदार होंगे। ऐसे में प्रदेश के कालेजों में अब शिक्षकों की कमी अस्थायी तौर पर पूरी नहीं हो पाएगी। कालेज अभी तक जहां शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए पीटीए के तहत शिक्षक रख रहे थे, लेकिन अब शिक्षा विभाग के कालेजों को यह निर्देश जारी किए है, कि पीटीए के तहत शिक्षकों को कालेजों में न रखा जाए। उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से सभी सरकारी कालेजों के प्रचार्यों को यह निर्देश सरकार के आदेशों पर जारी किए है। बता दें की स्कूलों में जहां एसएमसी शिक्षकों की तैनाती पर सरकार ने पहले ही रोक लगा रखी है और अब जिन पदों पर एसएमसी शिक्षक तैनात है, वहां भी रेगुलर शिक्षकों की भर्तियां की जा रही है, वहीं अब कालेजों में भी पीटीए के तहत शिक्षकों को रखने पर यह रोक सरकार की ओर से लगाई गई है। शिक्षा विभाग ने कालेजों को यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी तरह की शिक्षक की नियुक्ति पीटीए बेसिक पर न की जाए, अगर इस तरह की नियुक्ति की जाती है, तो उक्त शिक्षक की सैलरी कालेज प्रधानाचार्य की जिम्मेदार होंगी। बता दें कि प्रदेश के जिन कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है, वहां शैक्षणिक सत्र चलाने के लिए पीटीए फंड के तहत शिक्षकों की नियुक्ति पीरियड बेसिक पर की जा रही है। यानी शिक्षक को किसी कक्षा को पढ़ाने के लिए 250 रुपए दिए जाते हैं। इस तरह से प्रदेश के बहुत से कालेज हैं, जहां पर पीटीए के तहत शिक्षकों की नियुक्ति अस्थायी तौर पर की गई है। हालांकि उनकी सैलरी पीटीएफई कालेज दे रहे हैं, लेकिन अब इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध शिक्षा विभाग लगा रहा है, जिससे कि यह शिक्षक आगामी समय में अपनी नियुक्ति को लेकर किसी तरह का विरोध न जताए।
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