हजारों बेरोजगारों को ओटीआर से नौकरी
भर्ती एवं पदोन्नति नियमों का हवाला देकर नौकरी से वंचित किए गए जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी-556) में प्रदेश के हजारों युवाओं को प्रदेश सरकार वन टाइम रिलेक्सेशन यानी ओटीआर देकर नौकरी प्रदान कर सकती है। विधानसभा सत्र के दौरान कई व्यावधानों के बावजूद मुख्यमंत्री ने इस पोस्ट कोड की सब कैटेगरी को राहत देने की मंशा जाहिर की है। कहा गया है कि सब कैटेगरीज को भी एलीजिबल करने की मंशा है। जल्द ही इसकी नोटिफिकेशन दी जाएगी। मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद भर्ती एवं पदोन्नति नियमों का हवाला देकर जेओए आईटी-556 से बाहर किए गए हजारों युवाओं को राहत मिली है। पिछले 17 दिन से वन टाइम रिलेक्सेशन के लिए हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के बाहर डटे जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 556 के अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया है। प्रदेश सरकार से मिली राहत के बाद अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा व अभिषेक राणा चेयरमैन सोशल मीडिया हिमाचल कांगे्रस का आभार जताया, जिन्होंने उनकी बात को प्रदेश सरकार के समक्ष बेहतर ढंग से रखा। अभ्यर्थियों का कहना है कि ओटीआर मिलने के बाद कई लोगों को नौकरी मिल जाएगी। प्रेस वार्ता के दौरान अभ्यर्थियों ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन के कारण ही इन्होंने धरना समाप्त किया है। इनका कहना है कि तीन साल से यह लोग नौकरी की आस लगाए बैठे हैं। कई अभ्यर्थी को अब नौकरी प्राप्त करने की आयु सीमा पूरी कर चुकी हैं। इनके लिए इस पोस्ट कोड में ही नौकरी का अंतिम मौका था। इस दौरान अभ्यर्थी अमन गौतम, सुरेश कुमार, रोहित, राजेश कुमार, संदीप, भास्कर गौतम, नवीन, अभिमन्यु, राकेश कुमार, रामदयाल, अजय धीमान मौजूद रहे।
क्या था मामला
बता दें कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 556 के तहत हायर एजुकेशन वह प्राइवेट कम्प्यूटर डिप्लोमा धारकों को नौकरी से वंचित किया गया है। वर्ष 2014 में प्रदेश सरकार ने 1156 पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति निकाली थी। लिखित परीक्षा सहित अन्य चरण पूरा करने के बाद भर्ती एवं पदोन्नति नियम का हवाला देकर हायर एजुकेशन प्राइवेट कम्प्यूटर डिप्लोमा धारकों को नौकरी से वंचित कर दिया गया। इस कारण करीब 2400 अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। भर्ती प्रक्रिया से बाहर हुए अभ्यर्थी प्रदेश सरकार से ओटीआर की मांग कर रहे थे, जिन्हें प्रदेश सरकार ने राहत प्रदान की है।
Source:- Divya Himachal