Art And Culture Of Chamba District

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Art And Culture Of Chamba District


||Art  Of Chamba District||culture Of Chamba District ||

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  • भरमौर में 84 मंदिरो का समूह है 
  • मिंजर मेला :– मिंजर मेला साहिल बर्मन ने शुरू किया था। मिंजर का अर्थ :-मक्की का सिट्टा जिसे रावी नदी में बहाया जाता है इसमें चम्बा के लक्ष्मीनरयन मंदिर में पूजा की’जाती है यह मेला चम्बा के चौगान मैदान में अगस्त माह में लगता है। 
  • सूही मेला :- सूही मेला  साहिल बर्मन ने शुरू किया था। यह मेला अप्रैल महीने में लगता है। यह मेला महिलाओं और बच्चों  लिए मनाया जाता है। साहिल बरमान की पत्नी ने चम्बा में पन्नी की कमी को पूरा करने  लिए अपने प्राणो का बलिदान दिया था उनकी याद में यह मेला मनया जाता है। 
  • यात्रा :-फूल यात्रा पांगी के किलाड़ में अक्टूबर के महीने में होती है। .छतराड़ी यात्रा सितम्बर के महीने और भरमौर यात्रा अगस्त के महीने में होती है। मणिमहेश यात्रा अगस्त-सितम्बर महीने में होती है नवाला मेला गादी जनजाति द्वारा मनया जाता है जिसमे शिव की पूजा की जाती है। 


  • कला :-चम्बा की रुमाल कला सबसे ज्यादा प्रसिद है। चम्बा शैली की चितरकला का उदय राजा उदय सिंह समय में हुआ था। चम्बा के रंगमहल ,चंडी ,लक्ष्मी नारयण मंडी इसी शैली से बने है। 


  • लोक नृत्य:- झांझर और नाटी 
  • गीत:-कुंजू  चंचलो ,रुंझू -फुलमु ,भुक्कु-गद्दी 
  • नवोदिय स्कूल : सरोल 
  • केंद्रीय विश्वविद्यालय :-सुरगांनी  करिया 
  • भाषा :-चम्बियाली ,चुरही पंगबली ,भरमौरी 

किताबें :- 

  • मुक्त सर तारीख -ए -रियासत चम्बा :- गरीब खान 
  • एन्टिक्स ऑफ़ चम्बा :- बी.सी.छाबड़ा
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