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Child Development Concept pf Growthand development ,principle,dimensionand factor affecting One Liner For HPTET Exam||Child Development One Liner For CTET Exam||
- मनोवैज्ञानिकों ने शैक्षिक दृष्टि से बाल विकास को तीन भागों में बाँटा है:-1. शैशवावस्था 2. बाल्यावस्था 3. किशोरावस्था
- समाजीकरण प्रक्रिया के प्रारम्भ होने की अवस्था है -शैशवावस्था
- एक नवजात शिशु का कद (ऊँचाई होती है) –19.5 इंच
- एक नवजात शिशु का भार होता है-7 पाउंड
- शैशवावस्था को सीखने का आदर्श काल कहा है -वेलेन्टाइन ने
- सबसे तेज शारीरिक विकास होता है -शैशवावस्था में
- विकास की प्रक्रिया होती है -गर्भावस्था से लेकर जीवन पर्यन्त तक शैशवावस्था में वृद्धि:–तीब्र होती है
- जन्म से किशोरावस्था तक की गतिविधियों को –बाल मनोविज्ञान कहते हैं
- शैशवावस्था में चार संवेग होते हैं -भय, क्रोध, प्रेम, पीड़ा
- शैशवावस्था द्वारा जीवन का पूरा क्रम निश्चित होता है, कहा है -एडलर ने
- मनुष्य को जो कुछ बनना होता है। प्रारम्भ के चार पाँच वर्षों में बन जाताहै, कधन है-सिंगमड फ्रायड
- शैशवावस्था को बालक का कहा जाता है –निर्माण काल
- नवजात शिशु में हड्डियों की संख्या लगभग होती है -270
- कौन-सी अवस्था में दोहराने की प्रवृत्ति तीव्र होती है -शैशवावस्था
- फ्रायड के अनुसार लड़कियों में कौन-सी ग्रन्थि पायी जाती है-इलेक्ट्रा ग्रन्थि
- जन्म के समय शिशु की औसत लम्बाई होती है -51.5 सेमी.
- नवजात शिशु का भार लगभग होता है –3 किलो ग्राम
- कितने वर्ष में सभी दूध के दाँत निकल आते हैं:-1
- जन्म के समय शिशु की धड़कन रहती है –अनियमित
- हड्डियों में कौन-से तत्व पाये जाते हैं –कैल्शियम, फॉस्फोरस और खनिज तत्व
- कितने वर्ष का बच्चा सार्थक शब्दों का प्रयोग करने लगता है –3 वर्ष
- बालक के विकास की प्रक्रिया एवं विकास की शुरुआत होती है –जन्म या प्रसव पूर्व से
- डाल्टन प्रणाली के जन्मदाता हैं –मिस हेलेन पार्कहर्स्ट
- शैशवावस्था की प्रमुख मनोवैज्ञानिक विशेषता है –मूल प्रवृत्यात्मक व्यवहार
- मूर्त संक्रियात्मक अवस्था का काल होता है -7 वर्ष से 11 वर्ष
- मनोवैज्ञानिकों के अनुसार छटे बच्चों को किस आयु में स्कूल भेजना चाहिए :-5 वर्ष
- दूध के दाँत होते हैं -20
- जन्म के समय शिशु के मस्तिष्क का भार होता है -350 ग्राम
- “शैशवावस्था में बच्चे का संवेगात्मक विकास होता है” –उत्तेजनापूर्ण
- बाल्यावस्था की आयु होती है –6-12 वर्ष
- बाल्यावस्था में बालक होता है -बाह्य केन्द्रित
- क्रिया एवं खेल पर आधारित शिक्षा विधि है –माण्टेसरी शिक्षण विधि
- बाल्यावस्था में खेल की प्रकृति होनी चाहिए –सामूहिक
- बाल्यावस्था में बालक सम्पर्क रखता है -समवयस्क समलिंगियों से
- बाल्यावस्था की प्रमुख मनोवैज्ञानिक विशेषता है -सामूहिकता की भावना
- बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषता है –अधिगम की तीव्रता अपेक्षाकृत स्थिर विकास प्रक्रिया यथार्थवादी दृष्टिकोण
- बालिकाओं का भाषा विकास बालकों से आगे रहता है -बाल्यावस्था में
- हड्डियों का विकास होता है –16 वर्ष तक
- 12 वर्ष से 18 वर्ष तक की आयु होती है –किशोरावस्था
- पूर्व-किशोरावस्था होती है –12 से 16 वर्ष
- उत्तर-किशोरावस्था होती है –17 से 19 वर्ष
- किशोरावस्था बड़े दबाव, तनाव तूफान तथा संघर्ष की अवस्था है, कहा है -स्टेनले हाल ने
- अत्यन्त दुत एवं तीव्र विकास का काल है -पूर्व किशोरावस्था
- किशोरावस्था में संवेग प्रायः होते हैं –अधिक उग्र
- “किशोर ही वर्तमान की शक्ति और भावी आशा को प्रस्तुत करता है।” -क्रो एवं क्रो
- किशोरावस्था को अंग्रेजी में कहते हैं –Adolescence
- संवेगात्मक विकास में किस अवस्था में तीव्र परिवर्तन होता है -किशोरावस्था
- सामाजिक व्यवस्था में परिपक्वता किस काल में आती है -किशोरावस्था
- किशोरावस्था की विशेषताओं को सर्वोत्तम रूप से व्यक्त करने वाला एक शब्द है -परिवर्तन
- किशोरावस्था की प्रमुख मनोवैज्ञानिक विशेषता है –पूर्ण संवेगात्मक विकास के कारण स्थायित्व एवं समायोजन का अभाव
- किशोरावस्था की प्रमुख विशेषता नहीं है –संचय की प्रवृत्ति
- संवेग शब्द का शाब्दिक अर्थ है –उत्तेजना या भावों में उथल-पुथल
- किस अवस्था में आवेगों को तीन स्थिति उत्पन्न होती है -किशोरावस्था
- शक्तियों तथा संवेदनशीलता, अवलोकन, प्रत्ययीकरण, स्मृति, ध्यान, कल्पना, चिन्तन, बुद्धि, तर्क आदि में वृद्धि होना है -मानसिक विकास
- शिशु में कब भय एवं क्रोध से सम्बन्धित संवेग का विकास होने लगता है-एक वर्ष में
- गर्भावस्था (Conception Period) के सन्दर्भ में कथन सही नहीं है –गर्भावस्था में विकास की गति मन्द होती है
- विकास कभी न समाप्त होने वाली प्रक्रिया है। यह विचार सम्बन्धित है –निरन्तरता का सिद्धान्त
- खिलौने की आयु कहा जाता है –पूर्व बाल्यावस्था
- विकास का अर्थ है –परिपक्वता एवं अनुभव के फलस्वरूप होने वाले परिवर्तनों की श्रृंखला
- मनोविज्ञान के अनुसार बाल विकास की सबसे जटिल अवस्था है –किशोरावस्था
- वह अवस्था जिसमें शर्म तथा गर्व जैसी भावना का विकास होता है, है –बाल्यावस्था
- शैशवावस्था की मुख्य विशेषता नहीं है -चिन्तन प्रक्रिया
- बाल्यावस्था अवस्था होती है –बारह वर्ष तक
- विकास और वृद्धि से तात्पर्य है –आकार, सोच, समझ-कौशलों में वृद्धि
- सीखने की प्रोजेक्ट विधि किस अवस्था के लिए उपयोगी है -बाल्यावस्था, पूर्व बाल्यावस्था, किशोरावस्था
- बच्चे के विकास के शिरस्थ सिद्धान्त के अनुसार सत्य कथन है –विकास सिर से पैर की ओर होता है
- वाइगोत्स्की (Vygotsky) ने बाल विकास के विषय में कहा है कि –यह सामाजिक अनुक्रिया का उत्पाद होता है
- विकास का सिद्धान्त है -सभी की विकास दर समान नहीं होती
- मानव विकास के क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है –शारीरिक, संज्ञानात्मक, संवेगात्मक और सामाजिक
- विकास के किस काल को ‘अत्यधिक दबाव और तनाव का काल’ कहा गया है -किशोरावस्था
- ‘बच्चे अपनी वृद्धि व विकास हेतु कठोर अध्ययन करते हैं यह मत है —मैस्लो
- शैशवावस्था की प्रमुख मनोवैज्ञानिक विशेषता है -अनुकरणात्मक प्रवृत्ति का प्रभाव
- अपने आप से प्रेम करने की प्रवृत्ति को कहते हैं –नार्सिसिज्म की प्रवृत्ति
- . विकास ………. से की ओर बढ़ता है –सामान्य-विशिष्ट
- किस प्रकार के विकास से एकाग्रता तथा सृजनात्मकता का सम्बन्ध है –बौद्धिक विकास
- मानसिक वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है –सीखना तथा परिपक्वन दोनों
- बच्चे के विकास के सिद्धान्त को समझना शिक्षक की सहायता करता है –शिक्षार्थियों की भिन्न अधिगम शैलियों को प्रभावी रूप में सम्बोधित करने में
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