Economy of Kullu District
||Economy Of Kullu District||kullu district economy||
Economy Of Kullu District |
1. कृषि और पशुपालन – कुल्लू के सैंज में खाद्यान्न बिज संवर्द्धन फार्म स्थित है | हमटा और कुना (आनि)में आलू विकास केंद्रस्थित है | सब्जी अनुसंधान केंद्र कटरैन में स्थित है | कैप्टन आर. सी. ली. ने 1870 ई. में बंदरोल कुल्लू में ब्रिटिश किस्म के बगीचे लगाए | कुल्लू के मोहल में 1964 ई. में अंगोरा फार्म स्थापित किया गया | कुल्लू के पतलीकुहल, नागिनी और मोहेली में मछली फार्म स्थित है | कुल्लू के बजौरा, नग्गर और रायसन में चाय के बगीचे हैं | पाधा बंसीलाल ने स्थानीय स्तर पर सेब के बगीचे लगाने का कार्य किया | मनाली में ए.टी. बैनन ने 1884 ई. में ब्रिटिश किस्म के सेब लगाए | डफ ने कटरैन और डुंगरी, कर्नल रैनिक ने बजौरा, मिनिकिन ने नग्गर में सेब के बाग़ लगाए |
2. उद्योग और खनिज – कुल्लू में ग्रामीण औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, बालिका औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) स्थित है | शमशीकी ITI1961-62 ई.में शुरू हुई | पार्वती घाटी में काई नाइट, लारजी और हारला में लाइमस्टोन पाया जाता है |
3. जलविद्युत परियोजनाएँ – पार्वती परियोजना (2051 मेगावाट), मलाणा परियोजना (86 मेगावाट), लारजी परियोजना (126 मेगावाट ) | पार्वती परियोजना हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है |
4. पार्वती जलविद्युत परियोजना – पार्वती, सैंज और गढ़सा नदियों के संगम पर स्थित है | इस परियोजना में 3 विद्युत गृह नकथाप, सैंज और लारजी में स्थित है | पार्वती परियोजना पर 5 राज्यों ने 20 अक्टूबर, 1992 में समझौता किया | ये पांच राज्य हैं – गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश |
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