Geography Of Mandi District
||Geography of Mandi District in Hindi||Mandi District Geography||
Geography Of Mandi District |
1. भौगोलिक स्थिति – मण्डी हिमाचल प्रदेश के मध्य में भाग स्थित जिला है | मण्डी जिले के पूर्वमेंकुल्लू,पश्चिममेंबिलासपुर और हमीरपुर, उत्तर में काँगड़ा तथा दक्षिण में सोलन और शिमला जिले की सीमाएं लगती हैं |
2. पर्वत शृंखलाएं –
(क) धौलाधार शृंखला –यह शृंखला मण्डी जिले की पूर्वी सीमा पर स्थित है | नागरू (4400 मीटर) मण्डी की सबसे ऊँची चोटी धौलाधार पर्वत शृंखला में स्थित है |
(ख) घोघर धार – घोघर धार में गुम्मा और द्रंग की नमक खानें स्थित है |
(ग) सिकंदर धार – इस धार का नाम सिकंदर लोदी के नाम पर पड़ा है जिसने काँगड़ा अभियान के दौरान इसे पार किया था |
(घ) वेरकोट धार – यह धार रिवालसर से शुरू होकर सुकेत तक जाती है |
3. नदियाँ –
(क) सतलुज – सतलुज नदी फिरनू गाँव से मण्डी में प्रवेश करती है | सतलुज नदी सोलन और शिमला से मण्डी जिले की सीमा बनाती है |
(ख) ब्यास नदी – ब्यास नदी लारजी के पास मण्डी में प्रवेश करती है | इस स्थान पर सैंज और तीर्थन नदी ब्यास में मिलती है | ब्यास नदी में उत्तर दिशा में उहल, लूनी और रीना नदी तथा दक्षिण दिशा से जन्जेहली, सुकेती, सोन, भखर और रमोली नदियाँ मिलती हैं | पंडोह बाँध द्वारा ब्यास नदी का पानी दो सुरंगों से सतलुज में मिलाया जाता है |
4. झीलें – रिवालसर, पराशर, कामरुनाग, कुमारवाह, कुन्तभयोग, कालासर, सुखसार |
पण्डोह झील मण्डी की कृत्रिम झील है |
5. वन्य-जीव अभ्यारण्य – शिकारी देवी, नारगु और बांदली |
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