Table of Contents
ToggleGuler Riyasat
||Guler Riyasat||Guler Riyasat In Hindi||Haripur Guler||
गुलर रियासत-गुलेर रियासत का पुराना नाम ग्वालियर था। काँगड़ा के राजा हरिचंद ने 1405 ई. में गुलेर रियासत की स्थापना हरिपुर में की जहाँ उसने शहर व किला बनवाया। हरिपुर किले को गुलेर किला भी कहा जाता है। हरिपुर गुलेर रियासत की राजधानी थी। गुलेर रियासत से 1450 ई. में ब्बा रियासत (सिवराम चंद द्वारा) का जन्म हुआ था। यह काँगड़ा से अलग होने वाली दूसरी रियासत थी।
- रामचंद (1540 ई. से 1570 ई.)-गुलेर रियासत के 15वें राजा ने काँगड़ा के राजा जयचंद को पकड़ने में मुगलों की मदद की। वह अकबर का समकालीन राजा था।
- जगदीश चंद (1570 ई. से 1605 ई.)-1572 में काँगड़ा के राजा के विद्रोह को दबाने के लिए जो सेना भेजी उसमें जगदीश चंद ने भाग नहीं लिया।
- रूपचंद (1610 ई. से 1635 ई.)-रूपचंद ने काँगड़ा किले पर कब्जे के लिए मुगलों की मदद की थी। जहाँगीर ने उसे ‘बहादुर’ की उपाधि प्रदान की। वह जहाँगीर का समकालीन था।
- मानसिंह (1635 ई.-1661 ई.)-मानसिंह को उसकी बहादुरी के लिए शाहजहाँ ने ‘शेर अफगान’ की उपाधि दी थी। उसने मकोट व तारागढ़ किले पर 1641-42 ई. में कब्जा किया था। मानगढ़ का किला मानसिंह ने बनवाया था। 1661 ई. में बनारस में उसकी मृत्यु हो गई।
- राज सिंह (1675 ई.-1695 ई.)-राज सिंह ने चम्बा के राजा चतर सिंह, बसौली के राजा धीरजपाल और जम्मू के किरपाल देव के साथ मिलकर मुगलों को हराया था।
- प्रकाश सिंह (1760-1790 ई.)-प्रकाश सिंह से पूर्व दलीप सिंह (1695-1730) और गोवर्धन सिंह (1730 -1760) गुलेर के राजा बने।प्रकाश सिंह के समय घमण्ड चंद ने गुलेर पर कब्जा किया। बाद में संसार चंद ने गुलेर पर कब्जा किया। ध्यान सिंह वजीर ने कोटला इलाका गुलेर राज्य के कब्जे (1785) में रखने में मदद की।
- भूप सिंह (1790 -1820 ई.)-भूप सिंह गुलेर का आखिरी राजा था जिसने शासन किया। देसा सिंह मजीठिया ने 1811 ई. में गुलेर पर कब्जा कर कोटला किले पर कब्जा कर लिया। भूप सिंह के पुत्र शमशेर सिंह (1820-1877 ई.) ने सिक्खों से हरिपुर किला आजाद करवा लिया था। शमशेर सिंह के बाद जय सिंह, रघुनाथ सिंह और बलदेव सिंह (1920 ई.) गुलेर वंश के राजा बने। वर्ष 1846 ई. में गुलेर पर अंग्रेजों का शासन स्थापित हो गया।
||Guler Riyasat||Guler Riyasat In Hindi||Haripur Guler||
Read More:- Himachal Pradesh General Knowledge