Himachal Pradesh 50th Statehood Day 2021
पूर्ण राज्य की प्राप्ति (25 जनवरी, 1971)-
24 जनवरी, 1968 की हि.प्र. विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर हि.प्र. को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की। 31 जुलाई, 1970 को हि.प्र. को पूर्ण राज्यत्व देने का प्रस्ताव संसद के समक्ष प्रस्तुत हुआ। 18 दिसम्बर, 1970 को-2 तहसील (शिमला, कण्डाघाट), 1 उप-तहसील (नालागढ़) जिला लाहौल-स्पीति-2 तहसील (लाहौल और स्पीति)।”हि.प्र. राज्य अधिनियम” भारतीय संसद से सर्वसम्मति से पारित हो गया, प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने शिमला के रिज मैदान पर हि.प्र. को देश का 18वाँ राज्य बनने की घोषणा की। 25 जनवरी, 1971 को हिमाचल प्रदेश देश का 18वाँ पूर्ण राज्य बना और डॉ. यशवंत सिंह परमार पूर्ण राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। 25 जनवरी, 1971 को हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद एस. चक्रवर्ती हिमाचल प्रदेश के प्रथम राज्यपाल (गर्वनर) बने। पूर्ण राज्य प्राप्ति के बाद देशराज महाजन विधानसभा अध्यक्ष बने।
जिलों का पुनर्गठन (1972)-
पूर्ण राज्य बनने के समय हिमाचल प्रदेश में 10 जिले थे। 1972 में जिलों का पुनर्गठन किया गया। काँगड़ा जिले को विभाजित कर ऊना व हमीरपुर जिलों को बनाया गया, वहीं शिमला, महासू का पुनर्गठन कर शिमला व सोलन जिलों का निर्माण किया गया। आज हिमाचल प्रदेश में 12 जिले-चम्बा, सिरमौर, मण्डी, बिलासपुर, किन्नौर, काँगड़ा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, शिमला, सोलन, ऊना व हमीरपुर है। 1 सितम्बर, 1972 ई. को हि.प्र. में 35 तहसीलें और 9 उप-तहसीलें शामिल थीं। 1972 में जिलों की प्रशासनिक व्यवस्था• जिला काँगड़ा-4 तहसीलें (काँगड़ा, पालमपुर, नूरपुर और देहरा गोपीपुर)
• जिला हमीरपुर-2 तहसीलें (हमीरपुर, बड़सर)
• जिला ऊना-1 तहसील (ऊना), 1 उप-तहसील (अम्ब)।
• जिला शिमला (महासू और शिमला जिले से)-6 तहसीलें (शिमला, ठियोग, रामपुर, चौपाल, जुब्बल और रोहणू)
• जिला सोलन ( महासू और शिमला जिले से)-4 तहसीलें (सोलन, अर्की, नालागढ़, कण्डाघाट)।