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History of Himachal Pradesh HP

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HISTORY OF HIMACHAL PRADESH HP:-

||History Of HP ||History Of Himachal Pradesh in hindi||

हिमाचल प्रदेश का इतिहास  उस समय से लिया जाता है जब से सिन्दु सब्यता विकसित  हुए थी | प्राचीन  समय  में इसके अदनिवासी दास, दस्यु ,निषाद  के नाम से लोकप्रिय थे।.१९ (19 ) सताबती  में रणजीत  सिंह ने  इस जगह के अन्य  भागो को अपने राजय में सम्लित कर लिया। जब अंग्रेज  यहाँ आये तो उन्होंने  गोरखा को पराजित  करके उनके  कुछ राज्यों को अपने राज्यों  में सम्लित  कर लिया।

शिमला हिल स्टेट्स यूनियन की स्थापना :-
                                                         सन १९४५ तक  प्रदेश में प्रजा मंडलो का गठन हो गया था। सन १९४६ में प्रदेश  के सभी प्रजा मंडलो को एचएचएसआरसी में शामिल  कर लिया गया तथा उसका मुख्यालय मंडी  में स्थापित कर दिया गया। इसका अध्यक्ष  मंडी के स्वामी पुरनंद को बनाया गया। इसका सचिब पदमदेव को बनाया  गया  और सयुकत  सचिब शिव नन्द  रोमल (सिरमौर ) को बनाया  गया  था। सन   1946  में नाहन  में इसके चुनाब  हुए थे। इन चुनाबों  में यशवंत  सिंह परमार  को  अध्यक्ष  चुना गया था। जनवरी १९४७ को  राजा दुर्गा चंद की अद्यक्ष्ता में शिमला हिल स्टेट्स  की स्थापना  की गयी थी। 

                                                                   
स्वंत्रता के बाद :-
                         जनवरी 1948  में शिमला हिल स्टेट्स यूनियन  का सम्मेलन  सोलन में किया गया। हिमाचल प्रदेश के  निर्माण  की घोसना  इस सम्मेलन  में की गयी। दूसरी तरफ परजा मंडल के नेताइयों  का सम्मेलन  शिमला में हुआ था। जिसमे यशवंत सिंह परमार ने यह बोला की प्रदेश का निर्माण  तभी सम्बभ  जब शक्ति राज्य और प्रदेश की जनता  के हाथ में दे दी जाये। शिवनंदलाल रोमल  की अद्यक्ष्ता   हिमालयन प्लांट गवर्नमेंट की स्थापना  की गयी थी। हिमालयन प्लांट गवर्नमेंट का मुखयला  शिमला में था।
                                                                                                                        २ मार्च १९४८ को शिमला हिल स्टेट्स  के राजाओं का  सम्मेलन दिल्ली  में हुआ  था। इन सभी राजाओं की अगवायी  मंडी के राजा जोगिन्दर सेन कर रहे थे। इन राजाओं ने हिमाचल प्रदेश में शामिल होने के लिए १९४८ में एक समझौते  पर अपने अपने हस्ताक्सर किये थे। 15 अप्रैल 1948  हिमाचल प्रदेश राज्य का निर्माण किया गया था।

                                                                                                                                         उस  समय प्रदेश भर को चार जिलों  में’ बांटा गया था। 1948 में  सोलन को बी नालागढ़  रियासत  में शामिल  कर  दिया गया।

हिमाचल प्रदेश का पुर्नगठन :-
                                                1950 के दौरान प्रदेश  की सीमाओं  का पुर्नगठन किया गया। बर्ष  १९५२ में हिमाचल प्रदेश में पहली बार चुनाब  हुए थे।  इन चुनाबों  में  कोंग्रेस की जीत हुए थी।

1972 में पुर्नगठन :-
                                  हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य  दर्जा २५ जनवरी  १९७१ को दिया गया था। १ नवंबर  १९७१  को काँगड़ा जिले के तीन  जिलें बनाये गए थे -काँगड़ा ,ऊना ,हमीरपुर। महसू  जिला के कास्त्रो  में से सोलन जिला  बनाया  गया।

प्रदेश के मंत्री :-

  • डॉ  यशवंत सिंह परमार हिमाचल प्रदेश के पहले मूमुख्यमंत्री  थे। डॉ यशवंत सिंह परमार १९७६ तक मुख्यमंत्री रहे थे। 
  • उनके बाद ठाकुर राम  लाल मुख्यमंत्री बने थे 
  • 1977 में भारतीय जनता  पार्टी जीती और सांता कुमार  मुख्यमंत्री  बनया गया 
  • 1980  में ठाकुर  राम लाल फिर मुख्यमंत्री  बन गए 
  • ८ अप्रैल  1983 को वीरभदार सिंह को मुख्यमंत्री बनया गया 
  • 1985  को वीरभदार सिंह दोबारा जीत कर  मुख्यमंत्री बने 
  • 1990  को सांता कुमार  दोबारा जीत कर  मुख्यमंत्री बने
  • 1998  को प्रेम  कुमार  धूमल  पहली बार  मुख्यमंत्री  बने 
  • 2003    को वीरभदार सिंह दोबारा जीत कर  मुख्यमंत्री बने
  • 2007 को प्रेम कुमार धूमल  दोबारा जीत कर  मुख्यमंत्री बने
  • २०१७ में  मंडी  जिला का पहली बार मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को बनाया गया। 

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