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Important HP Rivers Notes In Hindi

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Table of Contents

 Important HP Rivers Notes In Hindi 

|| Important HP Rivers Notes In Hindi || Important Himachal Pradesh Rivers Notes In Hindi ||Rivers System Of HP himachal Pradesh||

 हिमाचल प्रदेश की नदियां 

 हिमाचल प्रदेश से होकर निम्नलिखित पांच प्रमुख नदियां बहती हैं जो सिन्धु और गंगा दोनों ही नदी घाटियों को जल  प्रदान करती हैं।

1.ब्यास 

 वैदिक नाम:-अर्जीकिया

संस्कृत नाम:-विपाशा 

उद्गम स्थान:-पीरपंजाल श्रृंखला मे   रोहतांग दर्रे के समीप व्यास कुण्ड से

सहायक नदियां:-पार्वती, उहल, हुरला, सैंज, सुकेती, लूनी, बाण गंगा, विनवा, चक्की, न्यूगल, गज, डैहर, मानखड्ड।

मुख्य विशेषताएं:-

  • हिमाचल में 256 कि.मी. की दूरी तय करती है।
  • जल ग्रहण क्षेत्र 1200 वर्ग कि.मी. है।
  • बजौरा नामक स्थान पर मण्डी जिला में प्रवेश करती है। और संन्ध गोल में मण्डी जिला छोड़कर कांगड़ा जिला में प्रवेश कर जाती है।
  • कांगड़ा जिला के इन्दौरा और मिरथल के मध्य यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है।
  • कांगडा जिला के मीरथल नामक स्थान पर पंजाब में प्रवेश कर जाती है।
  • पंजाब के फिरोजपुर जिले के हरि का पत्तन नामक स्थान पर सतलुज नदी में विलीन हो जाती है।

2.चिनाव 

 वैदिक नाम:-असिकनी

संस्कृत नाम:-चन्द्राभागा

उद्गम स्थान:-बारालाचा दर्रे की विररीत दिशाओं से निकलने वाली दो नदी धराओं-चन्द्रा और भागा के ताण्डी (लाहौल में) नामक स्थान पर मिलने से बनती है।

सहायक नदियां:-मियार नाला, सैचर नाला।

मुख्य विशेषताएं:-

  • हिमाचल में 122 कि.मी. की दूरी तय करती है।
  • जल ग्रहण क्षेत्र 7500 वर्ग कि.मी. है।
  • पांगी घाटी के भुजिंड नामक स्थान पर चम्बा जिले में प्रवेश करती है।
  • संसारी नाला में चम्बा जिला छोड़कर कश्मीर की पोडर घाटी में प्रवेश कर जाती है ।
  • जल घनत्व की दृष्टि से यह हिमाचल की सबसे बडी नदी है।

3.रावी

 वैदिक नाम:-पुरूशनी

संस्कृत नाम:-ईरावती

उद्गम स्थान:-बड़ा बंगाल (जिला कांगड़ा) में भादल और तान्तगिरी नामक हिमखण्डों के द्वारा संयुक्त रूप से बनती है।

सहायक नदियां:-भादल, सियूल, बैरा, तांत गिरी, चिड़चिन्द नाला

मुख्य विशेषताएं:-

  • हिमाचल में 158 कि.मी. की दूरी तय करती है।
  • जल ग्रहण क्षेत्र 5451 वर्ग कि.मी. है।
  • चम्बा शहर इस नदी के दाएं किनारे पर स्थित है।
  • खेरी नामक स्थान पर चम्बा छोड़ कर जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर जाती है।
  • यह पीर पंजाल श्रृंखला को धौलाधार से अलग करती है।
  •  पाकिस्तान में यह चिनाब नदी में विलीन हो जाती है।

4.सतलुज

 वैदिक नाम:-सुतुद्री

संस्कृत नाम:- शतद्रु

उद्गम स्थान:-तिब्बत में मानसरोवर झील के समीप रक्सताल से

सहायक नदियां:-बसपा, स्पीति, नोगली, स्वां

मुख्य विशेषताएं:-

  • हिमाचल में 320 कि.मी. की दूरी तय करती है। 
  • जल ग्रहण क्षेत्र 20000 वर्ग कि.मी. है। 
  • यह हिमाचल प्रदेश की सबसे लम्बी नदी है।
  •  किन्नौर जिला के शिपकिला (6608 मीटर) नामक स्थान हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है।
  •  चौरा नामक स्थान पर शिमला जिला में प्रवेश करती है। 
  • कसोल नामक स्थान पर बिलासपुर जिला में प्रवेश करती है। 
  • भाखड़ा नामक स्थान पर हिमाचल छोड़कर पंजाब में प्रवेश कर जाती है। 
  • हिमाचल की सबसे बड़ी कृत्रिम झील-गोबिन्द सागर भी इसी नदी पर स्थित है। 
  • यह नदी अन्ततः सिन्धु नदी में विलीन हो जाती है।

5.यमुना 

 वैदिक नाम:-कालिन्दी

उद्गम स्थान:-उत्तराखण्ड में स्थित गढ़वाल की पहाड़ियों में यमनोत्री नामक स्थान से

सहायक नदियां:-टॉन्स, पब्बर गिरी, आन्ध, बाता, जलाल

मुख्य विशेषताएं:-

  • यह हिमाचल की सबसे छोटी नदी है।
  • यह हिमाचल की पूर्वोतम नदी है।
  • जल ग्रहण क्षेत्र 2320 वर्ग कि.मी. है।
  • खदर माजरी नामक स्थान पर सिरमौर जिले में प्रवेश करती है।
  • इसका पौराणिक सम्बन्ध भगवान सूर्य से है।
  • गंगा नदी की यह सबसे बड़ी उपनदी है ।
  • ताजेवाला के निकट हिमाचल छोड़कर हरियाणा में प्रवेश जाती है।
  • इसकी सहायक नदी टोंस हिमाचल और उत्तराखण्ड के मध्य
  • प्रकृतिक सीमा बनाती है।

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