Lahaul & Spiti Complete Information(History,Geography,Economy )
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Lahaul & Spiti |
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👉👉Basic Information of Lahaul Spiti:-
1. जिले के रूप में गठन – 01 नवम्बर, 1966
2. जिला मुख्यालय – केलांग
3. जनघनत्व – 2(2011 में)
4. साक्षरता – 77.24% (2011 में)
5. कुल क्षेत्रफल – 13,835 वर्ग किमी. (24.85% हि.प्र. क्षेत्रफल का)
6. जनसंख्या – 31,528 (2011 में)
7. लिंग अनुपात – 916 (2011 में)
8. दशकीय वृद्धि दर – -5.10% (2011 में)
9. ग्राम पंचायतें – 204
10. शिशु लिंग अनुपात – 1013 (2011 में, भारत में सर्वाधिक)
👉👉 Geography Of Lahaul Spiti District:-
||Geography Of lahaul & Spiti||Geography Of lahaul & Spiti In hindi||
1. भौगोलिक स्थिति – लाहौल-स्पीति हिमाचल प्रदेश के उत्तर भाग में स्थित है | लाहौल-स्पीति के उत्तर में जम्मू-कश्मीर, पूर्व में तिब्बत, दक्षिण-पूर्व में किन्नौर, दक्षिण में कुल्लू, पश्चिम में चम्बा और दक्षिण-पश्चिम में काँगड़ा जिला स्थित है |
2. दर्रे –
(क) रोहतांग दर्रा – रोहतांग दर्रा लाहौल को कुल्लू से जोड़ता है | यह राष्ट्रीय राजमार्ग – 21 पर स्थित है | रोहतांग का अर्थ है – लाशों का ढेर |
(ख) भंगाल दर्रा – लाहौल और बड़ा भंगाल के बीच स्थित है |
(ग) शिंगडकोन दर्रा – लाहौल और जास्कर के बीच स्थित है
(घ) कुंजुम दर्रा – लाहौल को स्पीति से जोड़ता है |
(ड़) कुगती दर्रा – लाहौल को भरमौर से जोड़ता है |
(च) बारालाचा दर्रा – लाहौल को लद्दाख से जोड़ता है | इस दर्रे पर जास्कर, स्पीति, लाहौल और लद्दाख की सड़कें आपस में मिलती हैं | इस दर्रे से चन्द्रभागा और यूनान नदियाँ निकलती हैं |
3. घाटियाँ – लाहौल में तीन घाटियाँ हैं – चन्द्रा घाटी, भागा घाटी और चन्द्रभागा घाटी | चन्द्रा घाटी को रंगोली भी कहा जाता है | कोकसर इस घाटी का पहला गाँव है | भागा घाटी को गारा कहा जाता है | यह बारालाचा दर्रे से लेकर दारचा तक फैली है | चन्द्रभागा घाटी को पट्टन घाटी भी कहते हैं | स्पीती में पिन घाटी स्थित है | जो पिन नदी के साथ स्थित है | यह ढांखर के पास स्पीती घाटी से मिलती है | स्पीती घाटी स्पीती नदी से बनती है जो कुंजुमला से लेकर शुमडो (पारछू नदी शुमडो में स्पीती नदी में मिलती है |) तक फैली है | स्पीती घाटी का गेटे गाँव (4270 मी.) विश्व का सबसे आबाद गाँव है |
4. नदियाँ – चन्द्रा, भागा, स्पीति और पिन लाहौल-स्पीति की प्रमुख नदियाँ है | चन्द्रा और भागा नदी बारालाचा दर्रे (4890 मी.) से निकलती हैं |
(क) चन्द्रा नदी – शिगड़ी ग्लेशियर से होते हुए टांडी तक बहती है | चन्द्रा नदी को बड़ा शिगड़ी और समुन्द्री ग्लेशियर से पानी मिलता है | खोकसर, सिस्सु, गोंदला चन्द्रा नदी के किनारे स्थित है |
(ख) भागा नदी – बारालाचा दर्रे से निकलकर सूरजताल(सूर्य की झील) में प्रवेश करती है | दारचा में भागा नदी जास्कर नदी में मिलती है | दारचा और टांडी के बीच केलांग, खारडोंग, और गेमूर गाँव भागा नदी के किनारे स्थित हैं |
(ग) स्पीति नदी – स्पीति की और किन्नौर की प्रमुख नदी है | यह खाब के पास सतलुज नदी में मिलती है | मोरंग, रंगरीक, धनकर, ताबो स्पीति नदी के किनारे स्थित प्रमुख गाँव है |
(घ) पिन नदी – पिन नदी स्पीति नदी की सहायक नदी है |
5. ग्लेशियर – एंड्रयू विल्सन ने 1873 ई. में लाहौल स्पीति को ग्लेशियर की घाटी कहा था | कैप्टन हारकोट ने 1869 ई. में शिगड़ी ग्लेशियर (लाहौल) को पार किया जो 25 किमी. लम्बा है | यह हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा ग्लेशियर है | सोनापानी ग्लेशियर 11 किमी. लम्बा है |
👉👉Naming of lahaul spiti:-
1. लाहौल – लाहौल को गारजा और स्वांगला भी कहा जाता है | कनिंघम के अनुसार लाहौल का अर्थ ‘दक्षिण जिला’ लद्दाख का | राहुल सांस्कृत्यायन ने लाहौल को “देवताओं की भूमि” कहा है जबकि एक अन्य अर्थ से इसे “दर्रे का देश” भी कहा जाता है | तिनान, पुनान और टोड भाषाओं (लाहौल की) में लाहौल को गारजा कहा गया है | मान्छ्द भाषा में लाहौल को स्वांगला कहा गया है | बुद्ध के पुत्र राहुल के नाम से भी लाहुल की उत्पति हो सकती है |
2. स्पीति – स्पीति का शाब्दिक अर्थ है – मणियों की भूमि| स्पीति का मुख्यालय काजा है | इससे पहले स्पीति का मुख्यालय ढांखर था |
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👉👉History Of Lahaul Spiti District:-
Ancient History Of Lahaul spiti||Medieval History Of Lahaul Spiti||Modern History Of Lahaul Spiti||
1. प्राचीन इतिहास – मनु की इस क्षेत्र का प्राचीन शासक बताया गया है | कनिष्क (कुषाण वंश) के समय यह क्षेत्र उनके कब्जे में था | गुप्त काल के बाद हर्षवर्धन (606-664 ई.) के समय लाहौल का संबंध हर्ष के साम्राज्य से पुन: जुड़ गया | ह्वेनसांग ने 635 ई.में कुल्लू और लाहौल की यात्रा की | 600 ई. के आसपास चम्बा ने लाहौल पर विजय प्राप्त की थी | लाहौल पर हर्ष के समय कुल्लू और चम्बा का कब्जा रहा जो स्वयं हर्ष के अधीन थे | जिससे लाहौल भी हर्ष के अधीन आ गया | ह्वेनसांग के अनुसार स्पीति पर सेन राजाओं का राज था जिसका पहला राजा समुद्रसेन था |
स्पीति के राजा राजेन्द्र सेन ने कुछ समय तक कुल्लू को अपने अधीन किया | छेतसेन के समय (सातवीं सदी) स्पीति लद्दाख के अधीन आ गया | स्पीति के शासकों को ‘नोनो’ कहा जाता था |
2. मध्यकालीन इतिहास –
o 8वीं सदी में लाहौल कश्मीर का भाग बन गया था | उदयपुर के मृकुला देवी और त्रिलोकीनाथमें कश्मीर कला के नमूने मिले हैं | कश्मीर कला 11वीं सदी तक लाहौल में रही |
o लाहौल पर लद्दाख के राजा ला-चन-उत्पल (1080-1110 ई.) का शासन तब से रहा जब से उसने कुल्लू पर आक्रमण कर उसे गाय और याक के मिश्रण ‘जो’ देने से मजबूर किया |
o कश्मीर के राजा जैन-उल-बद्दीन (1420-1470 ई.) के तिब्बत आक्रमण के समय कुल्लू और लाहौल लद्दाख (तिब्बत) के अधीन थे |
o कुल्लू के राजा बहादुरशाह (1532-1559 ई.) के समय लाहौल कुल्लू का भाग बन गया था | वर्ष 1631 ई. में भी लाहौल कुल्लू का भाग था |
o चम्बा के राजाओं ने भी लाहौल के अधिकतर भाग पर अधिकार किया था | उदयपुर का मृकुला देवी मंदिर चम्बा के राजा प्रताप सिंह वर्मन द्वारा बनवाया गया था |
o कुल्लू के राजा जगत सिंह (1637-1672 ई.) के समय लाहौल कुल्लू का भाग था | वर्ष 1681 ई. में मंगोलों ने लाहौल पर आक्रमण किया था क्योंकि यहाँ के लामा डुगपा मत के मानने वाले थे |
oमुगलों की मदद से कुल्लू के राजा विधि सिंह (1672-88 ई.) ने लाहौल के ऊपरी क्षेत्रों पर कब्जा किया था | विधि सिंह के समय से थिरोट, कुल्लू और चम्बा के बीच की सीमा का निर्धारण करता था |
oतिब्बत-लद्दाखी मुगल युद्ध (1681-83 ई.) में स्पीति काफी हद तक कुल्लू और लद्दाख से स्वतंत्र था |
oकुल्लू के राजा मान सिंह (1690-1720 ई.) ने गोंदला किला बनवाया था |
3. आधुनिक इतिहास – गेमूर गोम्पा में कुल्लू के राजा विक्रम सिंह (1806-1816 ई.) का नाम एक शिलालेख में मिला है विलियम मूरक्राफ्ट की 1820 ई. में लाहौल यात्रा का विवरण भी यहाँ पर दर्ज है | विलियम मूरक्राफ्ट के अनुसार लाहौल तब लद्दाख के अधीन था | लाहौल की राजधानी उस समय में टांडी थी |
सिख – 1840 ई. में सिखों के कब्जे में आ गया | कनिंघम ने 1839 ई. में लाहौल की यात्रा की | सिखों के सेनापति जोरावर सिंह ने 1834-1835 ई. में लद्दाख/जास्कर और स्पीति पर आक्रमण किया |
o 1846 ई. में अमृतसर संधि (अंग्रेजों और गुलाब सिंह) के बाद ‘स्पीति’ अंग्रेजों के अधीन आ गया था |
o चम्बा लाहौल और ब्रिटिश लाहौल का विलय 1975 ई. में हुआ |
o अंग्रेजों ने बलिराम को लाहौल का पहला नेगी बनाया |
o 1857 ई. के विद्रोह के समय स्पीति के ‘नोनो वजीर’ ने अंग्रेजों की मदद की थी | प्रथम विश्वयुद्ध के समय अंग्रेजों ने लाहौल के वजीर अमीरचंद को ‘रायबहादुर’ (1917 ई.) की उपाधि प्रदान की |
o 1941 ई. को लाहौल-स्पीति उपतहसील बनी और उसका मुख्यालय केलांग बनाया गया | पंजाब सरकार ने लाहौल-स्पीति को 1960 में जिला बनाया | वर्ष 1966 ई. में लाहौल-स्पीति का विलय हिमाचल प्रदेश में हो गया |
👉👉Arts, Culture, Fairs and Gompa of Lahaul Spiti –
1. गोम्पा – खारंदोग, शांशुर, गेमूर और गुरुघंटाल गोम्पा लाहौल में और ताबो, की और धाकंर गोम्पा स्पीति में स्थित है | ताबो, की और धाकंर गोम्पा स्पीति नदी के किनारे स्थित है | गेमूर गोम्पा भागा नदी के किनारे स्थित है | ‘की’ हिमाचल प्रदेश का सबसे ऊंचा व बड़ा गोम्पा है | ताबो गोम्पा विश्व का प्राचीनतम गोम्पा है |
2. धर्म – लाहौल में हिन्दू और बौद्ध धर्म दोनों को मानने वाले लोग हैं | गेफांग, डाबला और तंग्यूर यहाँ के प्रमुख देवता हैं | स्पीती में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग हैं |
3. विवाह – लाहौल में तभाग्स्टन / मोथेबियाह व्यवस्थित / तय विवाह है | कुनमाईभाग्स्टन / कौन्ची विवाह भाग कर किया गया विवाह है |
4. त्योहार / उत्सव –
(क) लदारचा – यह मेला हर वर्ष जुलाई में किब्बर गाँव में लगता है |
(ख) सिस्सु मिला – यह मेला जून में शांशुर गोम्पा, जुलाई में गेमूर गोम्पा और अगस्त में गोंदला के मनी गोम्पा में लगता है |
(ग) फागली मेला – फागली या कुन मेला फरवरी की आमावस्या को पट्टन घाटी में लगता है | यह फाल्गुन के आने का संकेत देता है |
(घ) पौरी मेला – यह मेला अगस्त में त्रिलोकीनाथ मंदिर में लगता है जहाँ शुद्ध घी का दीपक पूरे वर्ष जलता है |
(ड़) हाल्दा/लोसर – हाल्दा या लोसर लाहौल का नववर्ष आगमन का त्योहार है जो दीवाली के जैसा है |
5. लोकनृत्य – शेहनी, धूरे, घारफी (लाहौल-स्पीति का सबसे पुराना नृत्य) |
6. पेय – छांग जो चावल, जौ, गेहूँ, से बनती है एक देशी शराब है |
7. ताण्डी – ताण्डी गाँव तन-देही से उत्पन्न हुआ है | ताण्डी में द्रौपदी ने अपना तन छोड़ा था | ऋषि विशिष्ठ को ताण्डी में दफनाया गया था | ताण्डी में सूर्य के बेटे का चंद्रमा की बेटी से विवाह हुआ था |
👉👉Economy Of Lahaul Spiti:-
जर्मन पादरी A.W.Hide ने 1857 ई. में लाहौल में आलू की खेती शुरू करवाई थी | कुठ की खेती 1925 ई. में शुरू हुई | लाहौल ने प्रति हेक्टेयर आलू उत्पादन में नीदरलैंड को पछाड़कर प्रथम स्थान पाया है | लाहौल में करू, पतिश और काला जीरा जबकि स्पीति में रतनजोत मिलता है | काजा में 1978 ई. में ADC के पद को सृजित किया गया | लाहौल स्पीती में 1978 ई. में ‘मरुस्थल विकास कार्यक्रम’ शुरू किया गया | रेजिन अंगूर रिसर्च सब-स्टेशन की थिरोट स्थापना की गई | कुठ और सूखे मेवे अनुसंधान केंद्र की स्थापना केलांग में हुई है |
Diverse – केलांग में 1869 ई. में पोस्ट ऑफिस की स्थापना की गई | काजा में 1939 ई. में पोस्ट ऑफिस की शाखा खुली | जर्मन पादरी हाईड द्वारा 1861 ई. में केलांग में स्कूल खोला गया | स्पीति के काजा में 1932 ई. में स्कूल खोला गया |
(vi) जननांकीय आँकड़े – लाहौल-स्पीति की जनसंख्या 1901 ई. में 12,392 थी जो 1951 में बढ़कर 15,338 हो गई | वर्ष 1971 ई. में लाहौल-स्पीति की जनसंख्या 27,568 थी जो वर्ष 2011 में बढ़कर 31,528 हो गई | लाहौल-स्पीति का लिंगानुपात 2011 में 916 हो गया | वर्ष 2001-2011 में लाहौल-स्पीति लिंगानुपात में सर्वाधिक (+114 वृद्धि) वृद्धि दर्ज करने वाला जिला था | उसका लिंगानुपात 2011 में 802 से बढ़कर 916 हो गया | शिशु लिंगानुपात (0-6 वर्ष) में लाहौल-स्पीति 2011 में 1013 लिंगानुपात के साथ न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि भारत के सभी जिलों में प्रथम स्थान पर आया है | लाहौल-स्पीति में कुल 521 गाँव है जिसमें 287 आबाद गाँव है | लाहौल-स्पीति में 41 ग्राम पंचायतें हैं |
👉👉Demographic data of Lahaul Spiti
लाहौल-स्पीति की जनसंख्या 2011 में 31,528 (0.46%) थी जो कि 12 जिलों में न्यूनतम है | लाहौल-स्पीति में सबसे कम (नकारात्मक) दशकीय जनसंख्या वृद्धि 2001-2011 में दर्ज की गई है जो कि -5.10% थी | लाहौल-स्पीति 2011 में दूसरा सबसे कम साक्षर जिला है चम्बा के बाद | लाहौल-स्पीति के लिंगानुपात में +114 वृद्धि दर्ज की गई है | लाहौल-स्पीति का जनघनत्व 2011 में भी न्यूनतम है | लाहौल-स्पीति में सबसे कम वर्षा, सबसे कम कृषि भूमि है | लाहौल-स्पीति और किन्नौर में 100% जनसंख्या निवास करती है | लाहौल-स्पीति का क्षेत्रफल 13,835 वर्ग किमी. (24.85%) 12 जिलों में सर्वाधिक है | लाहौल-स्पीति में सर्वाधिक वन क्षेत्रफल (10,138 वर्ग किमी.) है जबकि यह सबसे कम वनाच्छादित क्षेत्रफल 193 वर्ग किमी. (1.39 %) है | लाहौल-स्पीति में चम्बा के बाद सबसे अधिक चरागाह है | लाहौल-स्पीति में सबसे कम बकरियाँ और गाय बैल है | लाहौल-स्पीति में सबसे कम फलों का उत्पादन होता है | लाहौल-स्पीति में किन्नौर के बाद सबसे कम सड़कों की लंबाई (1218 वर्ग किमी.) है |
1. लोसर – लोसर स्पीति का अंतिम गाँव है |
2. ताबो – काजा के पास ताबो गोम्पा स्थित है | इस गोम्पा के भित्ति चित्र अजंता के भित्ति चित्रों से मेल खाते हैं | यह गोम्पा 1975 ई. के भूकम्प में क्षतिग्रस्त हो गया था | ताबो मठ महायान के ‘गेलुक्पा’ मत से है |
3. ‘की’ गोम्पा – स्पीति नदी के बाएं किनारे पर स्थित यह गोम्पा स्पीति का सबसे बड़ा गोम्पा है जो 1975 ई. के भूकम्प से क्षतिग्रस्त हो गया था |
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