Soil In Himachal Pradesh
||Soil In Himachal Pradesh||Types of Soil In Himachal Pradesh||
Soil In Himachal Pradesh |
हिमाचल प्रदेश की मिट्टी को 5 खंडों में बाँटा जा सकता है :-
1. निम्न पहाड़ी मिट्टी – इस खण्ड में समुद्रतल से 1000 मी. तक ऊँचाई वाले क्षेत्र आते हैं | सिरमौर की पौंटा घाटी, नाहन, बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, काँगड़ा के मैदानी भाग, मण्डी की बल्हघाटी, चम्बा घाटी क्षेत्र इसके अंतर्गत आते हैं | इस खण्ड की मिट्टी चिकनी व पथरीली मिट्टी का मिश्रण है | इसमें कार्बन व नाइट्रोजन 10:1 के अनुपात में पाया जाता है | इसमें धान, मक्की, गन्ना, अदरक, नींबू व आम की पैदावार की जाती है |
2. मध्य पहाड़ी मिट्टी खण्ड – इस खण्ड में समुद्रतल से 1000 मी. से 1500 मी. तक ऊँचाई वाले क्षेत्र आते हैं | इस प्रकार की मिट्टी सिरमौर के पच्छाद, रेणुका के निम्न भाग, अर्की, मण्डी के जोगिन्द्रनगर, पालमपुर, डलहौजी आदि क्षेत्रों में पाई जाती है | इस खण्ड की मिट्टी दोमट प्रकार की है और इसका रंग हल्का स्टेली भूरा है | इस मिट्टी में कार्बन और नाइट्रोजन की मात्रा 10 और 12 के अनुपात में पाई जाती है | यह मिट्टी मक्की और आलू की पैदावार के लिए उपयोगी है |
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3. उच्च पहाड़ी मिट्टी खण्ड – इस खण्ड में समुद्रतल से 1500 मी. से 2100 मी. तक ऊँचाई वाले क्षेत्र यानी सिरमौर के ऊपरी भाग, सोलन के ऊपरी भाग, शिमला के क्षेत्र, मण्डी के चच्योट, करसोग के क्षेत्र, काँगड़ा, कुल्लू व चम्बा के ऊपर के क्षेत्र आते हैं | इस मिट्टी का रंग गहरा भूरा है | इस मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा उच्च से मध्यम श्रेणी की होती है | भूमि अपरदन इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है |
4. पर्वतीय मिट्टी खण्ड – इस क्षेत्र में समुद्रतल से 2100 मी. से 3500 मी. तक ऊँचाई वाले भाग आते हैं | इसमें सिरमौर, शिमला व चम्बा के ऊपरी भाग आते हैं | इसकी मिट्टी गहरे भूरे रंग की है | इस मिट्टी का गुण अम्लीय है | मिट्टी की परत भी अपेक्षाकृत कम गहरी है |
5. शुष्क पहाड़ी मिट्टी खण्ड – इस क्षेत्र में प्रदेश के समुद्रतल से प्राय: 3500 मी. की ऊँचाई वाले भाग आते हैं, जिसमें पांगी, किन्नौर व लाहौल स्पीती के क्षेत्र शामिल हैं | यहाँ वर्षा व आर्द्रता की मात्रा बहुत कम है | कृषि करना दुष्कर है | लाहौल की भूमि आलू पैदा करने के लिए उपयोगी है |
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