Syllabus for Objective Type SAT for The Post of Lecturer School New in Hindi -HPPSC Shimla
SYLLABUS FOR OBJECTIVE TYPE SUBJECT APTITUDE TEST (SAT) FOR RECRUITMENT TO POSTS OF LECTURER (SCHOOL NEW) IN HISTORY, CLASS-III IN THE DEPARTMENT OF HIGHER EDUCATION. THIS PAPER WILL BE OF 02 HOURS DURATION OF 100 MARKS. THE OBJECTIVE TYPE SUBJECT APTITUDE TEST (SAT) SHALL COVER FOLLOWING TOPICS
Syllabus for Objective Type SAT for The Post of Lecturer School New in Hindi -HPPSC Shimla
PART-I (Subject) 80 marks
Table of Contents
Toggle(क) प्राचीन और मध्यकालीन हिंदी साहित्येतिहास
(1) इतिहास दर्शन और साहित्येतिहास, हिंदी साहित्येतिहास लेखन की परंपरा,
हिंदी साहित्य का काल विभाजन और नामकरण.
(2) आदिकाल की पृष्ठभूमि एवं प्रमुख साहित्यिक प्रवृत्तियां,
आदिकालीन सिद्ध और नाथ साहित्य: प्रमुख कवि और रचनाएं,
रासो काव्य : प्रमुख प्रवृत्तियां और रचनाएं, हिंदी जैन-साहित्य: प्रमुख कवि और रचनाएं, अमीर खुसरो की हिंदी कविता.
(3) भक्ति काल (पूर्व मध्यकाल)
- भक्ति काल की वैचारिक पृष्ठभूमि,
- भक्ति-आंदोलन के उदय के सामाजिक-सांस्कृतिक कारण,
- भक्ति-काल के प्रमुख संप्रदाय और उनका वैचारिक आधार
- संत-काव्य परंपराः प्रमुख प्रवृत्तियां, कवि और रचनाएं,
- सूफी-काव्य परंपरा : प्रमुख प्रवृत्तियां, कवि और रचनाएं,
- राम-काव्य परंपरा : प्रमुख प्रवृत्तियां, कवि और रचनाएं,
- कृष्ण-काव्य परंपरा : प्रमुख प्रवृत्तियां, कवि और रचनाएं.
(4) रीतिकाल (उत्तर मध्यकाल)
- रीतिकाल की युगीन सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि,
- रीतिकाल का नामकरण एवं सीमांकन,
- रीति कवियों का आचार्यत्व,
- रीतिकाल की प्रमुख काव्य-धाराओं (रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध, रीतिमुक्त) का प्रवृत्तिगत वैशिष्ट्य, रीतिकाल की प्रमुख रचनाएं एवं कवि.
(ख) आधुनिक काल
(1) आधुनिक पद्य साहित्य
- आधुनिक काल का युगीन परिवेश: सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि 1857 की क्रांति और सांस्कृतिक पुनर्जागरण,
- भारतेंदु और उनका युग: प्रमुख प्रवृत्तियां, कवि और रचनाएं
- महावीर प्रसाद द्विवेदी और उनका युग : प्रमुख प्रवृत्तियां, कवि और रचनाएं
- छायावाद : प्रमुख काव्य-प्रवृत्तियां, कवि और रचनाएं
- छायावादोत्तर हिंदी कविता (प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता) की प्रमुख प्रवृत्तियां, कवि और रचनाएं,
- समकालीन हिंदी कविता: प्रमुख प्रवृत्तियां, कवि और रचनाएं.
(2) आधुनिक गद्य साहित्य
- हिंदी गद्य का उद्भव और विकास,
- नवजागरण आंदोलन और आधुनिक काल हिंदी की विविध गद्य विधाओं का उद्भव और विकास
- हिंदी कहानी का विकास: प्रमुख कहानी आंदोलन, कहानीकार एवं रचनाएं
- हिंदी उपन्यास का उद्भव और विकास: प्रेमचंद-पूर्व उपन्यास, प्रेमचंद और उनका युग, प्रेमचंदोत्तर हिंदी उपन्यास, समकालीन हिंदी उपन्यास
- हिंदी नाटक का उद्भव और विकास: भारतेंदु युग, प्रसाद युग, प्रसादोत्तर युगीन प्रमुख नाट्य कृतियां एवं नाटककार
- हिंदी निबंध का उद्भव और विकास: रचनाकार और रचनाएं
- हिंदी आलोचना का उद्भव और विकास: प्रमुख आलोचक और रचनाएं,
- स्त्रीवादी आलोचना
- हिंदी की अन्य गद्य विधाएं : रेखाचित्र, संस्मरण, डायरी, रिपोर्ताज, जीवनी, आत्मकथा, यात्रा साहित्य : रचनाकार और रचनाएं
- विविध अस्मिता विमर्श: स्त्री विमर्श, दलित विमर्श, आदिवासी विमर्श का वैचारिक आधार, प्रमुख प्रवृत्तियां, रचनाकार एवं रचनाएं,
- हिंदी पत्र-पत्रिकाओं का उद्भव और विकास
साहित्यशास्त्र एवं साहित्यालोचन
(क) भारतीय काव्यशास्त्र
- काव्य-लक्षण, काव्य-हेतु, काव्य-प्रयोजन एवं काव्य के प्रकार
- रस संप्रदाय : रस का स्वरूप, रस निष्पत्ति, साधारणीकरण, सहृदय की अवधारणा,
- अलंकार संप्रदाय : अलंकार सिद्धांत की प्रमुख स्थापनाएं, अलंकारों का वर्गीकरण एवं प्रमुख सिद्धांतकार,
- रीति संप्रदाय : रीति की अवधारणा, काव्य-गुण, रीति एवं शैली, रीति सिद्धांत की प्रमुख स्थापनाएं,
- वक्रोक्ति संप्रदाय : वक्रोक्ति की अवधारणा, भेद, वक्रोक्ति एवं अभिव्यंजनावाद,
- ध्वनि संप्रदाय : ध्वनि सिद्धांत की प्रमुख स्थापनाएं, ध्वनि का स्वरूप, ध्वनि-काव्य के प्रमुख भेद,
- औचित्य संप्रदाय औचित्य सिद्धांत की प्रमुख स्थापनाएं एवं भेद.
(ख) पाश्चात्य काव्यशास्त्र
- प्लेटो : काव्य-सिद्धांत
- अरस्तूः अनुकरण सिद्धांत, त्रासदी विवेचन, विरेचन सिद्धांत,
- लोंजाइनस : औदात्य सिद्धांत,
- वर्ड्सवर्थ : काव्य-भाषा का सिद्धांत
- कॉलरिज: कल्पना और फेंटेसी
- मैथ्यू आर्नल्डः आलोचना का स्वरूप,
- टी. एस.इलियट : निवैयक्तिता का सिद्धांत, परंपरा की अवधारणा,
- आई. ए. रिचर्ड्स : मूल्य सिद्धांत,
(ग) आधुनिक समीक्षा की प्रमुख पद्धतियां एवं वैचारिक दर्शन :
- मार्क्सवाद, मनोविश्लेषणवाद, अस्तित्ववाद, शैली विज्ञान, नई समीक्षा, संरचनावाद, उत्तर संरचनावाद, देरिदा की विखंडन की अवधारणा, उत्तर आधुनिकतावाद.
iii. हिंदी भाषा और उसका विकास
- हिंदी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- प्राचीन भारतीय आर्य भाषाएं,
- मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएं: पालि, प्राकृत, शौरसेनी, मागधी, अपभ्रंश,
- आधुनिक भारतीय आर्य भाषाएं और उनका वर्गीकरण.
- हिंदी का भौगोलिक विस्तार: हिंदी की उपभाषाएं खड़ी बोली, व्रज और अवधी की विशेषताएं
- हिंदी के विविध रूप: हिंदी, उर्दू, दक्खनी, हिंदुस्तानी
- हिंदी का भाषिक स्वरूप: हिंदी की स्वनिम व्यवस्था, हिंदी ध्वनियों के वर्गीकरण का आधार,
- हिंदी शब्द रचना: उपसर्ग, प्रत्यय, समास
- हिंदी की रूप रचना – लिंग, वचन, कारक व्यवस्था के संदर्भ में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया-रूप,
- हिंदी वाक्प-रचना
- हिंदी भाषा-प्रयोग के विविध रूप: राजभाषा, राष्ट्रभाषा और संपर्क भाषा
- संचार माध्यम और हिंदी
- कंप्यूटर और हिंदी
- हिंदी की संवैधानिक स्थिति
- देवनागरी लिपि : विशेषताएं और मानकीकरण
IV हिंदी साहित्य के अध्ययन हेतु निर्धारित प्रमुख रचनाएं
(क) भक्ति कालीन एवं रीतिकालीन हिंदी काव्य
- कबीर ग्रंथावली (सं० हजारी प्रसाद द्विवेदी)- पद संख्या 108 से 209,
- जायसी ग्रंथावली (सं० आचार्य रामचंद्र शुक्ल) मानसरोदक खंड एवं नागमती वियोग खंड,
- तुलसीदास कृत रामचरितमानस – उत्तरकांड,
- सूरदास का भ्रमरगीत सार (सं० आचार्य रामचंद्र शुक्ल) पद संख्या 21 से 70,
- मीराबाई पदावली (सं० विश्वनाथ त्रिपाठी) पद संख्या 1 से 20,
- बिहारी सतसई (सं० जगन्नाथदास रत्नाकर) पद संख्या 1 से 50,
- घनानंद कवित्त (सं० विश्वनाथ मिश्र) कवित्त संख्या 1 से 30,
(ख) आधुनिक काव्य
- मैथिलीशरण गुप्त – साकेत, नवमसर्ग
- जयशंकर प्रसाद – कामायनी (श्रद्धा एवं आनंद सर्ग),
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला राम की शक्ति पूजा, सरोज स्मृति,
- सुमित्रानंदन पंत – परिवर्तन, नौका विहार,
- महादेवी वर्मा – मैं नीर भरी दुख की बदली, बीन भी मैं हूं तुम्हारी रागिनी भी हूं, यह मंदिर का दीप इसे नीरव
- जलने दो, फिर विकल हैं प्राण मेरे, जो तुम आ जाते एक बार,
- रामधारी सिंह दिनकर – उर्वशी (तृतीय अंक)
- नागार्जुन: अकाल और उसके बाद, शासन की बंदूक, मनुष्य हूं,
- अज्ञेय : कलगी बाजरे की, असाध्याय वीणा, यह दीप अकेला, हरी घास पर क्षण भर,
- मुक्तिबोध : अंधेरे में, ब्रह्मराक्षस,
- भवानीप्रसाद मिश्र : सतपुड़ा के जंगल, बुनी हुई रस्सी, त्रिकाल संध्या,
- धूमिल : काल-दर्शन, रोटी और संसद, मोचीराम.
(ग) आधुनिक गद्य साहित्य
- उपन्यास : प्रेमचंद गोदान, फणीश्वरनाथ रेणु – मैला आंचल, अज्ञेय – शेखर एक जीवनी (भाग एक), भीष्म साहनी – तमस, मन्त्रू भंडारी -आपका बंटी.
- कहानी : माधव राव सप्रे – एक टोकरी भर मिट्टी, प्रेमचंद – ईदगाह, जयशंकर प्रसाद – आकाशदीप, जैनेंद्रकुमार – पत्नी, अज्ञेय – रोज़, उषा प्रियंवदा – वापसी, निर्मल वर्मा – परिंदे, फणीश्वरनाथ रेणु – तीसरी कसम, अमरकांत – ज़िंदगी और जोंक, ज्ञानरंजन – पिता.
- नाटक : भारतेंदु हरिश्चंद्र – अंधेर नगरी , जयशंकर प्रसाद : चंद्रगुप्त, मोहन राकेश -आषाढ़ का एक दिन, लक्ष्मीनारायण लाल: एक सत्य हरिश्चंद्र, धर्मवीर भारती : अंधा युग.
- निबंध एवं अन्य गद्य विधाएं : भारतेंदु हरिश्चंद्र : भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है, बालकृष्ण भट्ट : शिव-शंभु के चिट्ठे, आचार्य रामचंद्र शुक्ल : कविता क्या है, हज़ारी प्रसाद द्विवेदी : नाखून क्यों बढ़ते हैं, महादेवी वर्मा : घीसा,विष्णु प्रभाकर : आवारा मसीहा.
Part-II (B.Ed. portion) 20 marks
Foundation of Education System
- Concept and Nature of Knowledge, Knowledge Acquiring Process.
- Indian Knowledge System; Vedic Education System, Buddhist Education System
- Concept of Education; Meaning, Nature, Modes of Education, Objectives of Education,
- Approaches to Education.
- Philosophical, Psychological, Sociological and Technological Basis of Education
- (Meaning and Needs)
- Concept of important Variables: Personality, Intelligence, Creativity, Academic
- Achievement, Problem Solving Ability
Teacher Education and Related Aspects:-
- Concept of Teacher Education, Historical Aspects of Teacher Education in India, Scope of Teacher Education, Types and Levels of Teacher Education Programmes.
- Teacher and Teaching related Concepts, Learner and Learning Related Concepts,
- Relation between Teaching and Learning, Learning Environment, Pillars of Learning.
- Challenges in the field of Teacher Education (Discussion with reference to NEP 2020 also)
Pedagogy and Teaching Learning Experiences:-
- Communication Skills and its Use
- Models of Teaching; Advance organizer, Concept Attainment, Information Processing, Inquiry Training
- Methods of Teaching
- Preparation and Use of Teaching Learning Material
Information Technology in Teaching Learning Process
- ICT; Its meaning and use in Teaching Learning Process
- Concept of Open Educational Resources, SWAYAM and MOOCs
- Digital Initiatives in School Education by Government of India
More Pages:-
हेलो दोस्तों ,आपका हमारी वेबसाइट Himexam.com पर स्वागत है। जैसा की आपको पता है हमारी वेबसाइट Himexam.com आपको समय-समय पर सभी HP Govt Jobs & All India Govt Jobs की Notifications प्रदान करवाती है। साथ ही साथ Himachal Pradesh Exam Previous Paper और Himachal Pradesh GK ,Himachal Pradesh & National +International Current Affairs के सभी नोट्स मुफ्त उपलब्ध करवाते है। हमारी वेबसाइट के अलग अलग प्लेटफार्म पर pages & Group बने है जैसे की facebook ,Telegram और Instagram .. अगर आप हिमाचल के किसी भी पेपर की तैयारी कर रहे हो तो जल्दी से इन groups के साथ जुड़ जाएं इनके लिंक नीचे table में दिए गए है।
Join Us:-
Like Our Facebook Page | Click here |
Join Us oN Telegram | Click here |
Join Us On Instagram | Click Here |