Tributaries of Ravi River in Himachal Pradesh
||Tributaries of Ravi River in himachal pradesh||Tributaries of Ravi River in hp||
भादल और तंतगिरी जलधाराओं के बड़ा बंगाल क्षेत्र में मिलने से रावी नदी का उद्गम होता है। रावी इन दोनों नदियों के संगम से उत्पन्न हुई हैं।
1. बुडहल खड्ड-कुगती खड्ड और मणिमहेश खड्ड के हड्सर नामक स्थान पर संगम होने से बुड्डल खड्ड का उद्गम होता है। बुडहल खड्ड खड़ामुख के पास रावी नदी में मिलती है।
2. ओबड़ी खड्ड सुल्तानपुर के समीप तथा मंगला खड्ड शीतला पुल के समीप रावी नदी में मिल जाते हैं।
3. तुन्डाह खड्ड और चनेड खड्ड दुनाली के पास कलसुई में रावी नदी में विलीन हो जाते हैं।
4.साल खड्ड-होल खड्ड और कीड़ी खड्ड के साहो के समीप संगम होने से साल खड्ड का निर्माण होता है। चंबा के पास बालू नामक स्थान पर साल खड्ड रावी नदी में मिल जाता है।
5. बैरा खड्ड-अप्पर चुराह से निकलने वाली बैरा खड्ड में अनेक जलधाराएँ मिलती हैं। मुलवास खड्ड और सतरुण्डी खड्ड तरेला के पास बैरा खड्ड में मिल जाती है। बलसियों खड्ड जो चैहणी, ऐथण, शिलाऊ, सुपरांजला और गुलेई खड्ड के मिलने से बनी है। बडियो नामक स्थान पर बैरा खड्ड में मिलती है। सेईकोठी में “खोहली खड्ड बैरा नदी में मिलती है। मक्कन खड्ड का निर्माण सनवाल खड्ड, शक्ति खड्ड के मिलने से होता है जो चन्द्रेश खड्ड कहलाता है। चंद्रेश खड्ड खखड़ी नामक स्थान पर बैरा खड्ड में मिलती है। कहलों जोत से निकलने वाले तिस्सा खड्ड में नागणी खड्ड मिलती है। तिस्सा खण्ड भी ‘खखड़ी’ नामक स्थान पर बैरा खड्ड में मिलती है। हिमगिरी के छेत्री गाँव में बैरा खड्ड स्यूल नदी में मिल जाती है।
6. स्यूल नदी-संघणी खड्ड, भिद्रोह खड्ड और जुवांस खड्ड के विलय से स्यूल नदी का निर्माण होता है। बारी खड्ड, डियूर खड्ड, बाद में इसमें मिल जाते हैं। बैरा खड्ड के मिलने के बाद स्यूल नदी विशाल रूप लेती है। लोअर चुराह के “चौहड़ा” नामक स्थान पर स्यूल नदी रावी नदी में मिलती है।
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