पिछले सात साल की भर्तियों का खंगाला जाएगा रिकॉर्ड
हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2012 से लेकर अब तक हुई पुलिस भर्तियों का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा और पता किया जाएगा कि कौन अभ्यर्थी किस तरह भर्ती हुआ है। यही नहीं अन्य विभागों की भर्तियों का रिकॉर्ड भी खंगाला जाएगा। फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपित विक्रम चौधरी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह हिमाचल में 2012 से युवाओं को पुलिस में फर्जी तरीके से भर्ती करवा रहा है। अब पुलिस पूर्व में भर्ती हुए कर्मचारियों की जांच आरंभ करेगी। रिमांड के दौरान आरोपित की ओर से दिए जा रहे बयान पर पुलिस तथ्यों को जांचने के लिए जल्द ऐसे कर्मचारियों की फाइल ओपन करेगी। विक्रम की गिरफ्तारी के बाद ही विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे ऐसे कर्मचारियों की सांसें फूलना भी आरंभ हो गई हैं।
प्रदेशभर के विभिन्न महकमों में फर्जीवाड़े से परीक्षा पास कर नौकरी पाने वालों पर अब धोखाधड़ी के मामले दर्ज हो सकते हैं। पुलिस इन कर्मचारियों पर कार्रवाई पूरे तथ्यों के जांचने के बाद आरंभ करेगी। आरोपित ने सरकारी विभागों में भर्ती की लिखित परीक्षा को फर्जीवाड़े से पास करवाने के लिए अपने नेटवर्क को हिमाचल में वर्ष 2012 से शुरू किया था। इससे पहले वह हरियाणा में 10वीं तथा जमा दो की परीक्षाओं में विद्यार्थियों को पास करवाने का कारोबार को चलाता था। अब पुलिस हिमाचल में वर्ष 2012 के बाद की परीक्षाओं में पास हुए ऐसे अभ्यर्थियों की जांच शुरू करेगी। पुलिस अधीक्षक कांगड़ा विमुक्त रंजन ने बताया कि आरोपितों की शिनाख्त पर पुरानी भर्तियों का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा।
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