भर्ती में गड़बड़ी के आरोप पर कर्मचारी चयन आयोग के सचिव तलब

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भर्ती में गड़बड़ी के आरोप पर कर्मचारी चयन आयोग के सचिव तलब

कर्मचारी चयन आयोग की ओर से भर्ती मामले में गड़बड़ी किए जाने के आरोप पर हाईकोर्ट ने आयोग के सचिव को 29 नवंबर को अदालत के समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने जिला सोलन के चमन लाल की ओर से दायर याचिका कि सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किए। याचिका में आरोप लगाया है कि वर्ष 2016 में प्रार्थी ने जूनियर अधिकारी के पदों के लिए ओबीसी की आरक्षित श्रेणी में ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से आवेदन किया था। 



                                                                                                 प्रार्थी की उम्मीदवारी को कर्मचारी चयन आयोग ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि प्रार्थी की ओर से किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 55 फीसदी अंकों के साथ एचआर/ मैनेजमेंट में एक साल के पूर्ण डिप्लोमा का प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है। जबकि प्रार्थी ने समय से पहले ही अपेक्षित प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर दिया था। प्रार्थी का आरोप है कि जिस उम्मीदवार को इस पद के लिए चुना गया है। उसके पास आवश्यक शैक्षणिक योग्यता भी नहीं है। 
                                                                                                            सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के संबंध में विभिन्न नियमों और मापदंडों को अपना रहा है। कोर्ट ने पाया कि पंप ऑपरेटरों के मामले में उम्मीदवारों को ई मेल, फैक्स या व्यक्तिगत रूप से प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई है जबकि इस मामले में आयोग ने याचिकाकर्ता के मामले को केवल इस आधार पर खारिज कर दिया है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रमाण पत्र नहीं सौंपे हैं। हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जाता है कि ई मेल की ओर से अपेक्षित प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया था।





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