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|Aryans and himachal pradesh In Hindi||Arya and himachal pradesh In Hindi
आर्यों की एक शाखा ने मध्य एशिया से होते हुए भारत में प्रवेश किया। ये वैदिक आर्य कहलाए। ये लोग अपना पशुधन, देवता और गृहस्थी का सामान लेकर आए और सप्त सिंधु प्रदेश की ओर बढ़े। जहाँ पूरी तरह धसने में इन्हें 400 वर्ष का समय लगा। सप्त सिंधु (पंजाब) से शिवालिक की ओर बढ़ने पर वैदिक आर्यों का सामना यहाँ के प्राचीन निवासियों कोल, किरात और नाग जाति के लोगों से हुआ।
शाम्बर-दिवोदास युद्ध-दस्यु राजा “शाम्बर” के पास यमुना से व्यास नदी के बीच की पहाड़ियों में 99 किले थे। ऋग्वेद के अनुसार दस्यु राजा शाम्बर और आर्य राजा दिवोदास के बीच 40 वर्षों तक युद्ध हुआ। अंत में दिवोदास ने उदव्रज नामक स्थान पर शाम्बर का वध कर दिया। आर्यों ने कोल, किरातों और नागों को निचली घाटियों से खदेड़ कर दुर्गम पहाड़ियों की ओर जाने पर बाध्य कर दिया। ऋषि भारद्वाज आर्य राजा दिवोदास के मुख्य सलाहकार थे।
खश और आर्य-खशों को भी आर्यों ने दुर्गम पहाड़ियों की ओर भगा दिया जो वहीं बस गए, उन खशों को आर्यों ने अपने में विलीन कर लिया या दास बना लिया।
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