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||Important Indian History Question Answer In Hindi Set-1| Indian History MCQ In Hindi Set-1||
1. एक ही कब्र से तीन मानव कंकाल निकले हैं।
(a) सराय नाहर राय से
(b) दमदमा से
(c)महदहा से
(d) लंघनाज से
Explanation:- उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में स्थित मध्य पाषाणिक पुरास्थल सराय नाहर राय महदहा तथा दमदमा का उत्खनन इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा किया। गया था। दमदम्चा में हुई खुदाई से कुल मिलाकर 41 मानव शवाधान प्राप्त हुए, जिनमें से पांच शवाधान युग्म शवाधान तथा एक शवाधान में तीन मानव कंकाल प्राप्त हुए। अन्य शवाधानों एकल मानव कंकाल प्राप्त हुए। सराय नाहर राय से संयुक्त रूप से दो पुरुषों एवं दो स्त्रियों को एक साथ दफनाए जाने के प्रमाण प्राप्त हुए हैं, यहां की समाधियां छिछली एवं अंडाकार थीं एवं आवास क्षेत्र के भीतर स्थित थी।
2. खाद्यान्नों की कृषि सर्वप्रथम प्रारंभ हुई थी
(a) नवपाषाण काल में
(b) मध्यपाषाण काल में
(c) पुरापाषाण काल में
(d) प्रोटोएतिहासिक काल में
Explanation:- कृषि की शुरुआत सर्वप्रथम नव पाषाण काल में ही हुई थी। जौ एवं गेहूं को खाद्यान्न के रूप में उगाया गया। चावल की खेती का प्राचीनतम साक्ष्य इलाहाबाद के नजदीक कोलडिहवा नामक स्थान से मिला तथा बलूचिस्तान की सीमा पर स्थित मेहरगढ़ से गेहूं की कृषि का।
3.भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य कहां मिलता है?
(a) नीलगिरी पहाड़ियां
(b) शिवालिक पहाड़ियां
(c) नल्लमाला पहाड़ियां
(d) नर्मदा घाटी
Explanation:- भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य पश्चिमी नर्मदा क्षेत्र (म.प्र.) से प्राप्त हुआ।
4.निम्नलिखित में से किसको चालकोलिथिक युग भी कहा जाता है?
(a) पुरापाषाण युग
(b) नवपाषाण युग
(c) ताम्रपाषाण युग
(d) लौह युग
Explanation:- ताम्र पाषाण युग को ही चालकोलिथिक युग कहा जाता है। इस काल में पत्थरों के साथ-साथ ताम्र धातु का प्रयोग औजारों के निर्माण में होने लगा था। इसे ताम्रपाषाणिक संस्कृति भी कहा जाता है।
5. राख का टीला निम्नलिखित किस नवपाषाण स्थल से संबंधित है?
(a) बुदिहाल
(b) संगनकल्लू
(c)कोलडिहवा
(d) ब्रह्मगिरी
Explanation:- संगन कल्लू (बेल्लारी, कर्नाटक) नामक स्थान से राख के टीले प्राप्त हुए हैं, जो नवपाषाण कालीन है। ये टीले उस काल के चरवाहा समूहों के मौसमी शिविरों के जले हुए अवशेष है।
6. ताम्राश्म काल में महाराष्ट्र के लोग मृतकों को घर के फर्श के नीचे किस तरह रखकर दफनाते थे?
(a) उत्तर से दक्षिण की ओर
(b) पूर्व से पश्चिम की ओर
(c) दक्षिण से उत्तर की ओर
(d)पश्चिम से पूर्व की ओर
Explanation:- ताम्र पाषाण काल में महाराष्ट्र के लोग मृतकों को घर के फर्श के नीचे उत्तर से दक्षिण की ओर दिशा में रखकर दफनाते थे। इस प्रकार के साक्ष्य नेवासा, दायमाबाद, कौठे तथा इनामगॉव आदि पुरास्थलों में मिले हैं। शव के साथ मिट्टो की हंडियां तथा ताम्र निर्मित वस्तुएं भी दफनाई जाती थी।
7. गर्त आवास के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं-
(a) बुर्जहोम से
(b)ब्रह्मगिरी से
(c)कोलडिहवा से
(d) संगनकल्लू से
Explanation:- गतं आवास के साक्ष्य बुर्जहोम से प्राप्त हुए है। यह जम्मू एवं कश्मीर में श्रीनगर के निकट उत्तर पश्चिम में स्थित है। यहां के शवाधान से मानव कंकाल के साथ कुत्ते का कंकाल भी मिला है। इस स्थल की खोज सन् 1935 में डी टेरा एवं पीटर सन ने की थी।
8. निम्नलिखित में से कौन-सा अन्न मनुष्य द्वारा सबसे पहले प्रयोग होने वालों में से था?
(a) जौ (यव)
(b) जई (ओ)
(c) राई
(d) गेहूँ
Explanation:- वैश्विक दृष्टि से सर्वप्रथम जौ (Barley) 8000 ई. पू. में निकट पूर्व (Near East- भूमध्य सागर एवं ईरान के मध्य स्थित पश्चिमी एशिया के देश) में मानव द्वारा उगाया गया। बाद में लगभग इन्हीं क्षेत्रों में 8000 ई. पू. के आसपास ही गेहूँ उगाया गया। 7000 ई. पू. के आसपास चीन के यांग्जी नदी घाटी क्षेत्र में सर्वप्रथम उगाया जाने वाला चावल तीसरा खाद्य अनाज है। मक्का मध्य एवं दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र में 6000 ई. पू. उगाया गया। बाजरा 5500 ई. पू. में चीन में, सोरघम 5000 ई. पू. में पूर्वी अफ्रीका में, राई 5000 ई. पू. में दक्षिण-पूर्व एशिया में तथा जई 2300 ई. पू. में यूरोप में सर्वप्रथम मानव द्वारा उगाया गया।
9.किस राज्य के ‘मेकाला बेंची’ स्थल से नवपाषाण काल से मेगालिथिक काल के पेट्रोग्लाइफस (पाषाण उत्कीर्णन) के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं?
(a) तमिलनाडु
(c) आंध्र प्रदेश
(b) कर्नाटक
(d) केरल
Explanation:-मेकाला बेंची आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिला में स्थित है जहां से हाल में 80 पेट्रोग्लाइफस के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं जो नवपाषाणकाल से मेगोलिथिक काल के हैं। कदानाथी के पश्चात आंध्र प्रदेश में यह दूसरा सबसे बड़ा पेट्रोग्लाइफस स्थल है। पेट्रोग्लाइफस चट्टानों पर उत्कीर्णन को कहा जाता है।
10. निम्नलिखित में से किस एक संस्कृति ने अपने मृदभांडों को सर्वप्रथम चित्रित किया?
(a) मध्यपाषाण
(b) ताम्रपाषाण
(d) लोह-युग
(c) नवपाषाण
Explanation:- लौह युग की संस्कृति ने सर्वप्रथम अपने मृदभाडों को चित्रित किया। हालांकि ताम्र पाषाण संस्कृतियों में भी चित्रित मृदभांड पाए जाते थे। यह मृदभांड नाना प्रकार के होते थे, जिनमें अधिक प्रसिद्ध है तस्तरिया, टोटीदार कलश, डंडीदार चषक, साधारण कटोरे, बड़े संयंत्र पात्र एवं कटोरे इत्यादि।
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