Mahatma Gandhi’s arrival in Shimla Himachal Pradesh
11 मई, 1921 को गाँधी जी शिमला पधारे। उनके साथ मौलाना मुहम्मद अली, शौकत अली, लाला गाँधी जी ने लोअर बाजार शिमला के आर्य समाज के हाल में महिलाओं को संबोधित किया। 15 मई को उन्होंने पन्द्रह हजार से अधिक के एक सूद शिमला कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्य बनाए गए। जनसमूह को ईदगाह पर संबोधित किया। शिमला के आस-पास के पहाड़ी क्षेत्रों से भी लोग गाँधी के दर्शन के लिए आए थे। गाँधी जी के शिमला आगमन ने इस पर्वतीय क्षेत्र के लोगों का ध्यान राष्ट्रीय विचारधारा की और आकृष्ट किया। लगभग 1923 के पश्चात् जुब्बल रियासत के गाँव धार के इंजीनियर भागमल सौहटा ने राष्ट्रीय आंदोलन में प्रवेश किया। सन् 1922-1923 तक शिमला में कांग्रेस आंदोलन ने जोर पकड़ा। इसमें पं. गैंडामल, मौलाना मुहम्मद नौनी, अब्दुल गनी, गुलाम मुहम्मद नकवी, ठाकुर भागीरथ लाल, हकीम त्रिलोकीनाथ भाग लेने वाले प्रमुख व्यक्ति थे।
Gandhiji came to Shimla on 1 May 1921. Maulana Muhammad Ali, Shaukat Ali, Lala Gandhiji addressed the women of Arya Samaj Hall of Lower Bazaar, Shimla. On 15 May, he was made a member of the executive of a Sud Shimla Congress Committee worth more than fifteen thousand. Addresses the gathering at Idgah. People from the hill areas around Shimla also came to see Gandhi. Gandhiji’s arrival in Shimla attracted the attention of the people of this mountainous region towards the national ideology.After about 1923, Bhagmal Souhata, an engineer from village Dhar in the state of Jubbal, entered the national movement. From 1922-1923, the Congress movement in Shimla gained momentum. Pandit Gandamal, Maulana Muhammad Nauni, Abdul Ghani, Ghulam Muhammad Naqvi, Thakur Bhagirath Lal, Hakeem Trilokinath were the prominent persons participating.