Himachal Pradesh Gupt kaal
||Himachal Pradesh Gupt kaal||Hp Gupt kaal In Hindi||
श्रीगुप्त के पोते चंद्रगुप्त प्रथम ने 319 AD में गुप्त साम्राज्य की नींव रखी। भारत के नेपोलियन ‘समुद्रगुप्त ने 340 ईसवीं में पर्वतीय जनपदों को जीतकर पर अपना आधिपत्य जमाया। हरिषेण के इलाहाबाद (प्रयाग) प्रशस्ति से भद्र, त्रिगर्त, औदुम्बर, कुल्लूत और कार्तिकपुर जनपदों पर समुद्रगुप्त की विजय उल्लेख मिलता है। सभी राजाओं ने उसकी अधीनता स्वीकार कर उसे जागीरदारों की तरह कर देते थे। कुलिन्द जनपद का उल्लेख इसमें नहीं मिलता। शादद वह चंद्रगुप्त प्रथम के समय गुप्त साम्राज्य के अधीन आ गया होगा। समुद्रगुप्त ने पहाड़ी जनपदों से अपनी प्रभुता स्वीकार करवाकर उन्हें आन्तरिक आजादी शक्ति तथा सुरक्षा बनाए रखने की स्वतंत्रता प्रदान की। कुमार गुप्त के पुत्र स्कन्दगुप्त ने हूणों को पराजित कर गुप्त साम्राज्य की प्रतिष्ठा को बनाए रखा। स्कंदगुप्त के बाद गुप्त साम्राज्य का प्रभाव घटने लगा और उसका विघटन हो गया। हूणों का आक्रमण गुप्त साम्राज्य के पतन का प्रमुख कारण था। कालीदास ने कुमारसम्भव और मेघदूत की रचना इसी काल में की थी जिसमें हिमालय का वर्णन मिलता है। गुप्तकाल में पर्वतीय प्रदेशों में हिन्दू धर्म का प्रभाव बढ़ा और अनेक मंदिरों का निर्माण हुआ।